देवउठनी एकादशी आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कहते हैं। इसमें भगवान विष्णु जागते हैं। इस कारण इसका देवोत्थानी नाम भी कहा गया है। इसके माहात्म्य की कथा ब्रह्मा जी ने नारद ऋषि से कही थी। जिसके हृदय में प्रबोधनी एकादशी का व्रत करने की इच्छा उत्पन्न होती है, उसके सौ जन्म के पाप भस्म हो जाते हैं और जो इस व्रत को विधिपूर्वक करता है, उसके अनन्त जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं